प्रत्यय की परिभाषा एक बहुत ही अच्छा प्रश्न है। और आपको यह समझना भी अवश्य चाहिए। आज में आपको इस लेख में प्रत्यय किसे कहते हैं❓ ओर इसके उदाहरण भी बताने जा रहा हूं। प्रत्यय किसे कहते हैं?|परिभाषा (pratyay ki paribhasha) प्रत्यय दो शब्दों से जुड़कर बना होता है – प्रति +अय। प्रति का अर्थ होता है– "साथ में ,पर बाद में ‘ और अय का अर्थ होता है ‘ चलने वाला"। अत: प्रत्यय का अर्थ होता है- साथ में पर बाद में चलने वाला। जिन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है, वे किसी word के पीछे लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं। नोट:— ➲ प्रत्यय लगने पर शब्द में संधि नहीं होती बल्कि अंतिम वर्ण में मिलने वाले प्रत्यय में स्वर की मात्रा लग जाएगी लेकिन व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है। ➲ प्रत्यय अविकारी शब्दांश होते हैं, जो शब्दों के बाद में जोड़े जाते है। ➲ कभी कभी प्रत्यय लगाने से अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है। ➲ प्रत्यय का अपना अर्थ नहीं होता और न ही इनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व होता है। उदाहरण:– समाज + इक — सामाजिक सुगंध + इत — सुगंधित बिक + आऊ
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